Friday, November 30, 2007

शिवरीनारायण : एक नजर

विभिन्न नगरों से दूरी :-

दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे के बिलासपुर जंक् शन से ६४ कि. मी., चांपा जंक् शन से ७० कि. मी., जांजगीर जिला मुख्यालय से ६० कि. मी., कोरबा से ११० कि. मी., रायगढ़ से सारंगढ़ होकर ११० कि. मी., रायपुर से बलौदाबाजार होकर १२० कि. मी. की दूरी पर शिवरीनारायण स्थित है।

कैसे जाएं :-

यात्रा स्वयं के अथवा किराये के वाहन से करना सुविधाजनक ही नहीं बल्कि श्रेयस्कर भी होता है। दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे के प्राय: सभी स्टे शनों से शिवरीनारायण के लिए नियमित बस सेवा है। आसपास के नगरों को घूमने के लिए रायपुर, बिलासपुर, चांपा, जांजगीर और शिवरीनारायण को मुख्यालय बनाया जा सकता है।

कब जाएं :-

यूं तो शिवरीनारायण किसी भी मौसम में जा सकते हैं। लेकिन धार्मिक नगरों में पर्व में जाने का वि ोश महत्व होता है। यहां रथयात्रा, सावन झूला, श्रीकृश्ण जन्माश्टमी, माघी पूर्णिमा (मेला), चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण, मकर संक्रांति, द शहरा, नवरात्रि रामनवमीं और महाशिवरात्रि में जाना उचित होगा।

कहां रूकें :-

शिवरीनारायण में रूकने के लिए होटल अमन पैलेस, लोक निर्माण का विश्रामगृह, के शरवानी कल्याण भवन, मारवाड़ी समाज की धर्म शाला, शिवरीनारायण का मठ-मंदिर न्यास का विश्रामगृह, संत निवास और खरौद जल संसाधन विभाग का निरीक्षण गृह और गिधौरी में भार्मा लॉज प्रमुख है। इसके अलावा विभिन्न समाजों की धर्म शालाओं में भी रूकने की व्यवस्था है।

क्या देखें :-

यहां देखने के लिए महानदी, शिवनाथ नदी और जोंक नदी के संगम का मनोरम दृ य, भगवान भाबरीनारायण, उनके चरण को स्प र्श करता मोक्षदायी रोहिणी कुंड, चंद्रचूड़ महादेव, के शवनारायण, श्री रामजानकी मंदिर, मठ और मठ परिसर में स्थित महंतों की समाधि, जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा, श्रीराम लक्ष्मण जानकी मंदिर, भाबरी के बेर खाते श्रीराम और लक्ष्मण मंदिर, श्रीकृश्ण वट वृक्ष, गादी चौरा, माखन साव घाट स्थित महे वरनाथ और शीतला देवी मंदिर, मां अन्नपूर्णा और लक्ष्मीनारायण मंदिर और उसके परिसर में स्थित विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर, जोगीडीपा के बजरंगबली के मदिर, ०२ कि. मी. की दूरी पर स्थित खरौद में लक्ष्मणे वर महादेव, इंदलदेव और भाबरी (सौराइन दाई) मंदिर, गिरि गोस्वामियों का भौव मठ, ११ कि. मी. की देरी पर स्थित केरा में चण्डी दाई का मंदिर, १७ कि. मी. की दूरी पर स्थित नवागढ़ में लिंगे वर महादेव, बिलासपुर मार्ग में ११ कि. मी. की दूरी पर स्थित मेंहदी में सिद्ध हनुमान मंदिर, १२ कि. मी. की दूरी पर स्थित गिरौदपुरी में गुरू घासीदास का मंदिर, जोंक नदी और पहाड़ी का मनोरम दृ य द र्शनीय है। कसडोल और बलौदाबाजार से नारायणपुर और तुरतुरिया जाया जा सकता है। नारायणपुर में स्थित शिव मंदिर के बाहरी दीवार में मिथुन मूर्तियां द र्शनीय है। इसी प्रकार तुरतुरिया में बौद्ध विहार है यहां प्रतिवर्श पौश-पूर्णिमा (छेरछेरा) के दिन एक दिवसीय मेला लगता है। शिवरीनारायण जब भी जाएं चित्रोत्पलागंगा-महानदी में स्नान कर भगवान भाबरीनारायण और उसके चरण को स्प र्श करता हुआ रोहिणी कुंड का द र्शन और उसके जल का आचमन अवश्‍य करें।

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